Kanwar Lake Begusarai: बेगूसराय के कांवर झील में पर्यटकों को दिख रहा है कश्मीर के डल झील का

बेगूसराय : बेगूसराय जिला मुख्यालय से 22 किमी उत्तर मंझौल अनुमंडल क्षेत्र में स्थित कावर झील पक्षी बिहार का मनोरम दृश्य इनदिनों मिथिलांचल सहित राज्य भर के पर्यटकों को खूब लुभा रहा है। फलस्वरूप रोजाना बेगूसराय व अलग अलग जिले से सैकड़ों लोग वर्षों बाद पानी से लबालब कावर झील का दृश्य देखने और नौका विहार का आनंद लेने पहुंच रहे हैं। अमूमन दीपावली के बाद रंग बिरंगी देशी व विदेशी पक्षियों के कलरव से कावर परिक्षेत्र में मनमोहक दृश्य उतपन्न हो जाते हैं। जैसे जैसे ठंड बढ़ती है नभ में विचरण करने बाले पक्षियों की संख्या भी बढ़ती जाती है। फिर आधे दिसम्बर के बाद से आधे जनवरी तक नीचे झील की पानी और आकाश में पक्षियों की उड़ान से आनंददायक क्षण का माहौल कायम रहता है।
Kanwar Lake in Begusarai - Bihar Tourism
कावर झील के इस छोर पहुंचते ही दिखने लगता है कश्मीर के डल झील सा नजारा : यूं तो कावर का स्वरूप बहुत बड़ा है। पर्यटक जिस जगह पर कावर झील में नौका विहार का आनन्द लेने पहुंचते है वह प्राचीनकालीन मन्दिर जयमंगला माता के मंदिर से करीब 300 मीटर उत्तर पूर्व में है। रविवार करीब नौ बजे सुबह कावर झील में सपरिवार नौका बिहार का करने पहुंचे, समस्तीपुर निवासी अमन कुमार ने निजी अनुभव साझा करते हुए बताया कि यहां आकर झील के किनारे नावों को कतारबद्ध देख एक समय के लिए कश्मीर के डल झील की यादें ताजा हो गयी । छोटे छोटे नावों की लाइन लगाकर नाविक का वैसे ही इंतजार करते दिखना और कश्मीर के झीलों में पर्यटकों के पहुचते ही वहां नाविकों में हर्ष छा जाना। सबकुछ हूबहू मन को रोमांचित कर रहा है।
बताते चलें कि वर्षों से कावर झील का यह एरिया सुख गया था। बीते वर्ष में जलमग्न हुए कावर झील में साल 2020 खत्म होने और नए साल के आगमन को लेकर प्राकृतिक छटाओं के बीच पर्यटकों का जमावड़ा लगने लगा है। काफी समानताओं के बीच दोनों झीलों की अपनी अपनी महत्ता भी है, जैसे काश्मीर के डल झील में बर्फ की चादर तो बिहार के कावर झील में वनों का साया है। 26 वर्ग किमी में डल झील फैला है तो बिहार सरकार के द्वारा 1989 ई में नोटिफाइड कावर झील पक्षी बिहार का क्षेत्रफल लगभग 60 वर्ग किमी है जो डल के क्षेत्रफल से दो गुणा से भी ज्यादा है। दोनो झील देश के मानचित्र में एकदूसरे के सीध में है परंतु सौभाग्य अपना-अपना । एक इस धरा की सबसे खूबसूरत जगह तो दूसरे की खूबसूरती लापरवाह सरकारी तंत्र की भेंट चढ़ी हुई है।
नावों के नाविक हैं स्थानीय मछुआरे, मेहमानों के स्वागत में नहीं होने देते हैं कोई कमी : डेंगी नावों के मालिक स्थानीय कुशल नाविकों ने बताया कि नौका बिहार सुरक्षित व नजदीक के क्षेत्र में ही करवाते हैं। दूर दराज जैसे दरभंगा , मधुबनी , समस्तीपुर , गया , आरा आदि जिलों से घूमने आए लोगों को भूख लगने पर जंगल से चुनी गई लकड़ियां और इट के चूल्हे पर स्वादिष्ट मछली और रोटी भी श्रद्धा से खिलाया जाता है। और इस काम का वो कोई भी फिक्स रेट तय नहीं किये हुए हैं। नाविक के मेहनत को देखते हुए लोग अपने खुशी से जो भी देते हैं वो रख लेते हैं। पर्यटकों को घुमाने के अलावा पानी में मछली पकड़ कर नजदीकी बाजार में बेचते हैं जिससे जीवन यापन अच्छे से चल रहा है। मंगलवार और शनिवार को यहां बहुत भीड़ जुट रही है। साथ ही अब 25 दिसम्बर से लेकर नये साल के आगमन तक पर्यटकों की आवाजाही भी काफी बढ़ जाएगी ।
स्थानीय किसान और मछुआरा समुदाय का कावर से जुड़ा है जीवन : कावर झील पक्षी बिहार से किसान और मछुआरा दोनों समुदाय के लोगों का जीवन यापन जुड़ा है। सालों से चली आ रही परिपाटी के अनुसार सूखे कावर पर किसान को खेती का हक तो पानी से भरे झील में मछुआरों का मछली पकड़ने का हक माना जाता है।
The Kanwar Taal or Kabar Taal Lake or Kabartal Wetland located in Begusarai district of Bihar, India, is Asia's largest freshwater oxbow lake.
- Location: Begusarai district, Bihar, India
- Area: 67.5 km2
- Nearest city: Begusarai
- Established: 1987
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