बरौनी रिफाइनरी दो करोड़ 40 लाख से कराएगी गांधी स्टेडियम का पुनर्निर्माण

गांधी स्टेडियम: बिहार की औद्योगिक राजधानी बेगूसराय (begusarai) जिला मुख्यालय का गांधी स्टेडियम उद्योग के कारण ही अब नए स्वरूप में दिखेगा. जीर्ण-शीर्ण हो चुके इस स्टेडियम का पुनर्निर्माण इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की बरौनी रिफाइनरी अपने सीएसआर फंड से कराएगी. इसके लिए निवादा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है
बरौनी रिफाइनरी करीब दो करोड़ 40 लाख रुपये की लागत से इसे अत्याधुनिक स्टेडियम बनाएगी और स्टेडियम नए लुक में दिखेगा. गांधी स्टेडियम में अत्याधुनिक पवेलियन होंगे, खिलाड़ियों के बैठने की उत्तम व्यवस्था रहेगी. खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम रहेंगे, दर्शकों के बैठने के लिए अत्याधुनिक गैलरी होगी. पूरे मैदान में अत्याधुनिक घास लगाई जाएगी, चारों तरफ गैलरी को ऊंचा किया जाएगा.
गांधी स्टेडियम में वह सभी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जिससे खिलाड़ियों को राहत मिले. दो चेक एंड चेंज रूम ब्लॉक, लॉकर, टॉयलेट ब्लॉक और पीने के पानी की सुविधा के साथ बनेगा. स्टोर सहित मौजूदा मंडप की मरम्मत, शौचालय ब्लॉक, मौजूदा दीवार की ऊंचाई में वृद्धि करने के साथ भव्य गेट भी बनेगा. पवेलियन पर ब्रांडिंग के साथ ध्वजारोहण के लिए भी स्थाई व्यवस्था की जाएगी.
जिला खेल महासंघ के संयोजक-सह-जिला क्रिकेट संघ तदर्थ कमेटी के चेयरमैन मृत्युंजय कुमार वीरेश ने बताया कि 20 वर्षों का खिलाड़ियों का संघर्ष आज पूरा हुआ. बेगूसराय (begusarai) के सांसद (Member of parliament) और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लगातार इसके लिए प्रयास किया. उनके द्वारा सार्थक पहल के बाद बरौनी रिफाइनरी के कार्यपालक निदेशक आर.के. झा के सहयोग से खिलाड़ियों का सपना पूरा हो रहा है.
वीरेश ने बताया कि बेगूसराय (begusarai) के गांधी स्टेडियम के जीर्णोद्धार को लेकर बरौनी रिफाइनरी प्रबंधन ने टेंडर प्रक्रिया पूरा किया. खिलाड़ियों की सारी सुविधा को ध्यान में रखकर नक्शा बनाया गया है. जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा. स्टेडियम के पुनर्निर्माण के लिए जहां गिरिराज सिंह ने पहल की है. वहीं, जिला प्रशासन ने भी सार्थक सहयोग किया, जिसका परिणाम सामने आया और शीघ्र ही धरातल पर दिखेगा.
उल्लेखनीय है कि दो अक्टूबर 1972 को बेगूसराय (begusarai) जिला बनने के बाद 1976 में रचनात्मक कार्य करने की सोच रखने वाले तत्कालीन जिलाधिकारी एन.के. अग्रवाल को जिला मुख्यालय में स्टेडियम की आवश्यकता महसूस हुई. उन्होंने स्थानीय लोगों के सहयोग से समाहरणालय के ठीक सामने स्थित जिला बोर्ड की जमीन पर स्टेडियम बनाने का निर्णय लिया. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त 1976 को गांधी स्टेडियम का शिलान्यास किया गया तथा तेजी से कार्य करते हुए 14 नवम्बर 1976 जिलाधिकारी के द्वारा इसका उद्घाटन किया गया.
तब से स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस समारोह स्टेडियम में आयोजित किया जाने लगा. सुबह की सैर करने वाले और खिलाड़ियों को भी सुविधा होने लगी. बाद के वर्षों में यहां जब पवेलियन की आवश्यकता महसूस हुई तो 1992 में तत्कालीन डीएम रामेश्वर सिंह ने पहल किया और बरौनी रिफाइनरी के द्वारा स्टेडियम में स्पोर्ट पवेलियन का निर्माण कराया गया. 27 दिसम्बर 1992 को बरौनी रिफाइनरी के तत्कालीन महाप्रबंधक एस.के.एल. दास ने जिलाधिकारी रामेश्वर सिंह की उपस्थिति में स्पोर्ट पवेलियन का उद्घाटन किया.
पवेलियन बनने के बाद खिलाड़ियों को और काफी सुविधा मिलने लगी. लेकिन वर्ष 2000 के बाद प्रशासन का ध्यान इस पर से हट गया. प्रशासन सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह, डिज्नीलैंड तरह का मेला एवं अन्य कार्यों में उपयोग करने लगी. लेकिन मेंटेनेंस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. जिसके कारण यह स्टेडियम जीर्णशीर्ण से होता चला गया. खिलाड़ियों को परेशानी होने लगी तो इन लोगों ने इसके जीर्णोद्धार का प्रयास शुरू किया.