Kedarnath Ropeway: देवभूमि केदारनाथ में बन रहा दुनिया का सबसे शानदार रोपवे, 7 घंटे की दूरी अब 28 मिनट में होगी पूरी….

Kedarnath Ropeway : चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ के दर्शन के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु उत्तराखंड में आ रहे हैं। केदारनाथ चारधाम यात्रा का सबसे दुर्गम पड़ाव में से एक है। इसे आसान बनाने के लिए मोदी सरकार दुनिया का सबसे लंबा रोपवे बनवा रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट किया है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक रोपवे (Kedarnath Ropeway) बनाया जाएगा।
NHAI के मुताबिक यह प्रोजेक्ट पर्वतमाला प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया जा रहा है। परियोजना के तहत गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक रोपवे की कुल लंबाई 9.7 किमी होगी। वर्तमान में यह मार्ग पैदल ही पूरा किया जाता है। गौरीकुंड से केदारनाथ धाम की पैदल दूरी लगभग 16 किलोमीटर है। एक स्वस्थ व्यक्ति को अब इस रास्ते को पैदल तय करने में लगभग 6 से 7 घंटे लगते हैं। रोपवे के तैयार होने के बाद यह रूट 10 किलोमीटर से भी कम रह जाएगा। इसके बाद दोनों जगहों के बीच की दूरी तय करने में लगने वाला समय घटकर महज 28 मिनट रह जाएगा।
यह रोपवे समुद्र तल से करीब 3,583 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जा रहा है। इसमें ट्राइकेबल डिटैचेबल गोंडोला 3एस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस ट्रॉली को इतनी ऊंचाई पर चलाने से इसमें बैठे यात्री कई ऊंची चोटियों को देख सकेंगे। हरी-भरी घाटियों और ऊंची चोटियों से गुजरते हुए यात्रियों को स्वर्ग जैसा अहसास होगा।
यह रोपवे एक दिन में हजारों यात्रियों को यहां से वहां ले जाने की क्षमता रखता है। NHAI का दावा है कि इस रोपवे के जरिए प्रति घंटे करीब 3,600 यात्रियों को एक तरफ से ले जाया जा सकता है। इतनी ही संख्या में दूसरी तरफ से भी हर घंटे यात्रियों को वापस लाया जा सकता है। ट्रॉली में सवार यात्रियों से एक ही बार में दोनों दिशाओं का किराया लिया जाएगा और उनका टिकट दोनों दिशाओं यानी आने-जाने के लिए मान्य होगा।
इस परियोजना की आधारशिला 2022 में ही रखी जा चुकी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरुआत की थी. परियोजना की कुल लागत 3,400 करोड़ रुपये आंकी गई है। परियोजना के तहत गौरीकुंड से केदारनाथ तक न केवल रोपवे बनाया जाएगा, बल्कि इसे गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक भी बढ़ाया जाएगा।