Maha Shivratri 2023 Date: महाशिवरात्रि कब है ? सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि यहां जानें

maha shivratri 2023 date when
Publish : 14-02-2023 8:03 PM Updated : 14-02-2023 8:04 PM
Views : 128
हिंदू भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति को विशेष फलों की प्राप्ति होती है. इस बार महाशिवरात्रि 2023 कब है?

 

Mahashivratri 2023 Date: धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन व्रत रख कर शिव-पार्वती की पूजा करने का विधान है. ऐसा माना जाता है कि शिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति बिल्व पत्र से शिव जी की पूजा करता है भगवान भोले नाथ उसकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. महाशिवरात्रि 2023 की तारीख, पूजा विधि (Mahashivratri 2023 puja vidhi) और शुभ मुहूर्त जान लें.

 

महाशिवरात्रि 2023 डेट, पूजा मुहूर्त, पारण का समय जान लें

  • फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023, शनिवार को है.

  • महाशिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त - साल 2023 में फाल्गुन मास की त्रयोदशी 17 फरवरी को रात 08 बजकर 02 मिनट से शुरू होगी और 18 फरवरी को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी.

  • महाशिवरात्रि व्रत पारण का समय - 19 फरवरी को सुबह 06 बजकर 57 मिनट से दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक रहेगा.

 

 

महाशिवरात्रि पूजा विधि

  • महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले शिवलिंग में चन्दन के लेप लगाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं.

  • दीप और कर्पूर जलाएं.

  • पूजा करते समय ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें.

  • शिव को बिल्व पत्र और फूल अर्पित करें.

  • शिव पूजा के बाद गोबर के उपलों की अग्नि जलाकर तिल, चावल और घी की मिश्रित आहुति दें.

  • होम के बाद किसी भी एक साबुत फल की आहुति दें.

  • सामान्यतया लोग सूखे नारियल की आहुति देते हैं.

  • महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करने से मनोकामना पूरी होती है.

  • शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि का पूजा निशील काल मेंकरना उत्तम माना गया है. लेकिन अपनी सुविधा अनुसार भी शिव जी की पूजा कर सकते हैं.

  • महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है.

 

प्रहर के अनुसार शिवलिंग स्नान विधि

सनातन धर्म के अनुसार शिवलिंग स्नान के लिये रात्रि के प्रथम प्रहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घृत और चौथे प्रहर में मधु, यानी शहद से स्नान कराने का विधान है. इतना ही नहीं चारों प्रहर में शिवलिंग स्नान के लिये मंत्र भी अलग हैं जानें...

प्रथम प्रहर में- ‘ह्रीं ईशानाय नमः’
दूसरे प्रहर में- ‘ह्रीं अघोराय नमः’
तीसरे प्रहर में- ‘ह्रीं वामदेवाय नमः’
चौथे प्रहर में- ‘ह्रीं सद्योजाताय नमः’।। मंत्र का जाप करना चाहिए.

इसके साथ ही व्रती को पूजा, अर्घ्य, जप और कथा सुननी चाहिए और स्तोत्र पाठ करना चाहिए. अंत में भगवान शिव से भूलों के लिए क्षमा जरूर मांगनी चाहिए.

    Bageshwar Dham: बार-बार बिहारियों को पागल क्यों कह रहे थे धीरेंद्र शास्त्री

    Bageshwar Dham: बार-बार बिहारियों को पागल क्यों कह रहे थे धीरेंद्र शास्त्री

    18-05-2023 7:13 PM
    Bageshwar Dham Sarkar: हिंदू राष्ट्र का संकल्प बिहार से पूरा होता दिख

    Bageshwar Dham Sarkar: हिंदू राष्ट्र का संकल्प बिहार से पूरा होता दिख

    17-05-2023 1:23 PM
    Dhirendra Shastri: Bihar पहुंचे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री, बोले- “रउआ सब

    Dhirendra Shastri: Bihar पहुंचे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री, बोले- “रउआ सब

    13-05-2023 7:43 PM
    Mecca Madina: इस साल हज के लिए रवाना होने के लिए बिहार

    Mecca Madina: इस साल हज के लिए रवाना होने के लिए बिहार

    08-05-2023 6:49 AM