38 लाख से हुआ था नव निर्माण: गढ़पुरा पशु अस्पताल भवन की स्थिति बनी है बद से बदतर, यहां आने से भी कतराते हैं पशुपालक

गढ़पुरा स्थित प्रथम श्रेणी पशु अस्पताल भवन की स्थिति काफी बद से बदतर बनी है। जिसके कारण पशुपालक किसान भी यहां आने से कतराते हैं। अस्पताल भवन के अगल-बगल गंदगी जमा है। आलम यह है कि अब यह सिर्फ नाम का पशु अस्पताल रह गया है। जर्जर भवन व पशु अस्पताल की खराब स्थिति के कारण भ्रमण शील पशु चिकित्सा पदाधिकारी एवं अन्य कर्मियों को काफी परेशानी होती है। टीभीओ डॉक्टर संतोष कुमार कुमार के मुताबिक अस्पताल भवन की खिड़की का शीशा तो कब का ही तोड़ दिया गया है। गेट तक दुरुस्त नहीं है। गढ़पुरा प्रखंड क्षेत्र में दो पशु अस्पताल सोनमा व गढ़़पुरा है। सोनमा पशु अस्पताल के क्षेत्र में सोनमा, मौजी हरिसिंह, कुम्हारसों व कोरियामा पंचायत आता है।
जबकि गढ़पुरा पशु अस्पताल के क्षेत्र में गढ़पुरा, मालीपुर, कोरैय, रजौड़ व दुनही पंचायत आता है। टीभीओ के मुताबिक पशु अस्पताल में फिलहाल 22 प्रकार की दवा उपलब्ध है। जिसमें नेवलोन पाउडर, स्टोमेटिक पाउडर, स्ट्रिजिंयन पाउडर, साइपरमैथरीन, एंटीसेप्टिक क्रीम समेत अन्य दवा उपलब्ध है। परंतु अस्पताल भवन की दयनीय स्थिति के कारण पशुपालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक साल 2007 में करीब 38 लाख रुपए की लागत से पशु अस्पताल का नव निर्माण कराया गया था।
उस अनुपात में अस्पताल की देखरेख नहीं हो पाई। देख रेख नहीं होने के कारण पशु अस्पताल में लगाए गए कीमती शीशा सहित कई सामानों को तोड़कर तहस-नहस कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक इस पशु अस्पताल में गढ़पुरा, मैसना, धरमपुर, कोरैय, सुजानपुर, रजौड़, सकरा, दुनही, मणिकपुर समेत कई गांवों के अलावा सीमांचल जिला समस्तीपुर के पातेपुर, मुर्राहा, शासन, गोहा, खनुआ आदि गांव के लोग पशुओं का इलाज करवाने आते हैं। लेकिन पशु अस्पताल की स्थिति खराब रहने से पशुपालक अब यहां आना ही नहीं चाहते हैं।