Begusarai News: बेगूसराय में मनचलों से परेशान छात्राएं, स्कूलों के बाहर जमाते हैं डेरा

मैट्रिक हो या इंटर, बिहार की बेटियों ने हमेशा परचम लहराया है. तमाम रिजल्ट्स में बेटियों ने राज्य का सीना चौड़ा किया है. वो भी मुश्किल हालात में. बेगूसराय के लगभग तमाम स्कूलों की छात्रायें मनचलों से परेशान हैं. मनचलों को नजपअंदाज करना इनकी मजबूरी भी है. या यूं कहें कि नियती बन गई है. स्कूल में पढ़ाई से पहले इन छात्राओं को मनचलों, उचक्कों की फब्बतियां से दो-चार होना पड़ता है. अश्लील कमेंट बर्दाश्त करने पड़ते हैं और ये सिर्फ एक दिन की कहानी नहीं है. अमूमन ये हर रोज का तमाशा है. कई बार स्कूल प्रबंधन, पुलिस प्रशासन और जहां तक गुहार लगाई जा सकती है वहां तक इन छात्राओं ने अपनी समस्याओं को रखा, लेकिन हालात जस के तस हैं. मनचलें स्कूल के बाहर डेरा जमाये ही रहते हैं. छात्राओं पर कमेंट करते ही रहते हैं.
स्कूल नहीं आना चाहती छात्राएं
कई शिक्षकों को इस बात की खबर तक नहीं है कि बाहर उनकी स्कूल की छात्राओं के साथ छेड़खानी हो रही है. मनचलों के अश्लील कमेंट का सामना करते हुए स्कूल की छात्रायें पढ़ने आती है. न्यूज स्टेट ने जब इस बारे में उनसे पूछा कि छात्राओं की सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम हैं तो वही जवाब मिला कि कई बार प्रशासन से इस परेशानियों से अवगत कराया है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही से यहां की छात्रायें परेशान हैं. हाल तो ये है कि मनचलों के डर से छात्रायें क्लास आना नहीं चाहती. स्कूल आने से डरती हैं.
जिला प्रशासन की चुप्पी
मनचलों पर नकेल कसने में भले ही जिला प्रशासन की चुप्पी है, लेकिन कई सामाजिक संगठन इन छात्राओं की मदद के लिए आगे आते रहते हैं. मौके पर ही मनचलों को फटकार लगाई जाती है, लेकिन ऐसे मनचलों पर लगाम लगाना बिना पुलिस के पहल के संभव नहीं है. सभी का कहना है कि छात्राओं के बेहतर भविष्य और सुरक्षित माहौल में शिक्षा देने के लिए प्रशासन को और एक्टिव होने की जरूरत है. तभी समाज की बेटियां खुद को सुरक्षित समझेंगी.