फर्जीवाड़ा का मामला: एसबीआई के सहायक मैनेजर ने 10 ग्राहकों के नाम पर गबन किए 1.79 करोड़ रुपए

भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय, हरहर महादेव चौक के सहायक मैनेजर पिंटू कुमार ने काम में मदद करने का झांसा देकर करीब पौने 2 करोड़ रुपए का गबन किया है। सहायक मैनेजर पिंटू कुमार ने ग्राहकों के गृह ऋण खाते को डेबिट कर तीसरे व्यक्ति यानि अपने रिश्तेदार और खास लोगों के खाता में 1 करोड़ 79 लाख 19 हजार रुपए भेज कर गबन की वारदात को अंजाम दिया है।
बैंक के आंतरिक जांच में गबन का पता चला। जांच में पाया गया कि सहायक मैनेजर पिंटू कुमार ने बिना ग्राहकों की सहमति पत्र के ही उनके खाता से मोटी रकम को डेबिट कर लिया है। जो सरकारी राशि का गबन है। इस संबंध में एसबीआई क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय के क्षेत्रीय प्रबंधक आनंद कुमार मिश्रा ने नगर थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। साथ ही बैंक के सहायक प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है और वे फरार हो गए है।
सहायक मैनेजर ने नौ खाताें में भेजे रुपए
घोटाले के आरोपी पिंटू कुमार ने घोटाला को अंजाम देने के लिए एक संयुक्त खाता समेत 9 खाता में घोटाले की रकम भेजी। पिंटू कुमार ने बोरिंग कैनाल रोड, एसबीआई शाखा के खाता धारक राज कुमार गुप्ता के खाता में 14 लाख 50 हजार रूपए, सौरभ कुमार के खाता में 12 लाख,अमित कुमार और संध्या कुमारी के खाता में डेढ़ लाख, संदीप कुमार के खाता में 5 लाख, एसबीआई दिघवारा, सारण के खाताधारक रौशन कुमार के खाता में 21 लाख, एसबीआई, शीतलपुर,छपरा-सारण के खाताधारक शमीम अख्तर के खाता में 10 लाख 44 हजार,विजय कुमार के खाता में 3 लाख, विनय कुमार के खाता में 5 लाख 50 हजार रुपए और जजेज कोर्ट रोड शाखा पटना के ऋषिकेष के खाता में 3 लाख रुपए का अवैध रूप से रुपयों को भेज कर गबन किया है।
बैंक के वरीय अधिकारियों को विश्वास में लेकर दिया घोटाला को अंजाम
अधिकारियों को विश्वास में लेकर पासवर्ड लेना और अतिरिक्त काम करते हुए अपने बड़े एवं सहकर्मी अधिकारियों को प्रभावित कर एसबीआई के ऋण विभाग के उप प्रबंधक पिंटू ने बड़े घोटाले को अंजाम दिया है। सहायक मैनेजर पिंटू कुमार बैंक में ऋण के भुगतान और दैनिक देख -रेख संबंधित कार्य का निष्पादन किया करते थे। ग्राहकों के कहने पर वे उनके खाता में, किसी अन्य खाता में या कैश रकम का भुगतान करने की स्वीकृति दिया करते थे। ग्राहकों के कहने पर किसी अन्य खाता में फंड का ट्रांसफर करने के लिए ग्राहक से सहमति पत्र लेना अनिवार्य है। लेकिन पिंटू कुमार ने अपनी मनमर्जी से ग्राहकों के खाता से मोटी रकम का ट्रांसफर कर घोटाला को अंजाम दिया है।
जिसकी भनक क्षेत्रीय प्रबंधक आनंद मिश्रा को मिली तो उन्होंने आंतरिक जांच शुरू कर दी। जिसके बाद पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया। सूत्रों की माने तो पिंटू पहले मेन ब्रांच में था, जहां से उसे हरहर महादेव चौक स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के ऋण विभाग में स्थानांतरित किया गया। कम्प्यूटर में महारत होने एवं अत्यधिक क्रियाशील होने की वजह से अधिकारियों एवं सहकर्मियों को प्रभावित करते हुए बड़े ऋण धारक के खाते से रुपए निकाल कर अपने रिश्तेदारों को भेजना शुरू कर दिया। एक खातेधारी ने जब अपना खाता अपडेट कराया, तो देखा कि पांच लाख रुपए निकल गया है, जिसे न उसने एकाउंट में डाला है न उसने निकाला है। इसको लेकर उसने क्षेत्रीय प्रबंधक से शिकायत की। जांच के दौरान अवैध निकासी का मामला सामने आया।
आंतरिक जांच में उक्त फर्जीवाड़े का पता चला है। दोषी कर्मियों को निलंबित कर उनपर बैंक की तरफ से एफआईआर किया गया है। आनंद मिश्रा ने बताया कि इस अवैध निकासी से किसी भी ग्राहक को कोई क्षति नहीं होगी। -क्षेत्रीय प्रबंधक आनंद मिश्रा