OMG! नाना ने नातिन को 4 साल तक बनाए रखा बंधक, नाबालिग बच्ची ने लगाए गंभीर आरोप, पुलिस ने छुड़ाया

बेगूसराय. बेगूसराय में बंधुआ मजदूरी का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. रिश्ते में नाना लगने वाले एक शख्स ने अपनी ही नाबालिग नातिन को तकरीबन 4 वर्षों से बंधुआ मजदूर बनाकर काम करवाता रहा. आरोप है कि छोटी-छोटी गलतियों पर भी नाना अपनी नातिन के साथ मारपीट की घटना को अंजाम देता रहा है. मामला बछवारा थाना क्षेत्र के सराय नूर नगर का है.
पीड़ित नाबालिग बच्ची का आरोप है कि उसके नाना एवं नानी के द्वारा भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता था. जब ग्रामीणों के द्वारा इस बात की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी गई तो किसी तरह स्थानीय प्रशासन ने उसे जालिम के चंगुल से छुड़ाया. फिलहाल उक्त नाबालिग लड़की को बालिका गृह बेगूसराय में रखा गया है.
क्या है पूरा मामला
पीड़ित लड़की ने बताया उसके मां और पिता दरभंगा जिला के झंझारपुर थाना क्षेत्र के कन्हौली के रहने वाले हैं. गरीबी की वजह से उन्होंने उसे अपने रिश्ते में लगने वाले नाना मोहम्मद शरीफ अंसारी के यहां बेगूसराय जिले के सराय नूर नगर भेजा था. नाना-नानी के काम में हाथ बटाने के साथ-साथ पढ़ाई-लिखाई की भी जिम्मेवारी दी थी. लेकिन, नाबालिग के परिजनों को यह पता नहीं था कि उनकी बच्ची पर वहां जुल्म होगा.
पीड़ित बच्ची का आरोप है कि तकरीबन 4 वर्षों से उसके नाना शरीफ अंसारी एवं नानी के द्वारा उससे जबरन काम भी करवाया जाता था और पढ़ने लिखने नहीं दिया जाता था. इतना ही नहीं उन लोगों के द्वारा बच्ची के साथ मारपीट की भी घटना को अंजाम दिया जाता था. एक दिन मौका पाकर पीड़ित बच्ची नाना के घर से फरार हो गई और गांव में ही एक जगह बैठ कर रो रही थी तब ग्रामीणों की नजर इस पर पड़ी और पूरे मामले की जानकारी होने के बाद ग्रामीणों ने बछवाडा पुलिस को इसकी सूचना दी. इसके बाद बछवारा पुलिस ने थानाध्यक्ष अजीत कुमार के नेतृत्व में तत्परता दिखाते हुए बच्ची को जालिमों के चंगुल से मुक्त कराया और इस बात की जानकारी स्थानीय लेबर इंस्पेक्टर को दी गई.
हालांकि, यहां भी संबंधित विभाग की लापरवाही सामने आ रही है. लेबर इंस्पेक्टर के द्वारा तत्काल उक्त बच्ची के संबंध में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. फिलहाल बछवारा थाने की पुलिस ने उक्त बच्ची को बालिका गृह बेगूसराय में रखा है और अपनी तरफ से आगे की प्रक्रिया में जुट गई है. अब देखने वाली बात होगी कि लेबर इंस्पेक्टर के द्वारा कब तक इस मामले में संज्ञान लिया जाता है और बच्ची को न्याय दिलाने के साथ-साथ क्रूर परिजनों पर कार्रवाई की जाती है.