Rinku Singh: कभी झाड़ू-पोछा लगाते थे, पिता सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे काम, आज IPL किंग है रिंकू सिंह..

Rinku Singh: बीती रात आईपीएल (IPL) में एक बल्लेबाज ने इतिहास रच दिया। रविवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में गुजरात टाइटंस और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच मैच खेला गया। ये मैच इतना रोमांचक था कि लोग भूल नहीं पा रहे हैं। इस मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेल रहे रिंकू सिंह (Rinku Singh) ने कमाल कर दिया। वह एक बेहतरीन फिनिशर के रूप में उभरे हैं। उन्होंने आखिरी ओवर में 5 छक्के लगाकर लोगों का दिल जीत लिया। लेकिन रिंकू सिंह की जिंदगी इतनी आसान नहीं रही है। इसके पीछे एक बड़ा संघर्ष है, आइए जानते हैं।
रिंकू ने मचा दिया कोहराम : 204 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए कोलकाता ने 19 ओवर में 7 विकेट पर 176 रन बनाए। आखिरी ओवर में 29 रन चाहिए थे। रिंकू सिंह 16 गेंदों में 18 रन बनाकर खेल रहे थे जबकि उमेश यादव 5 गेंदों पर 4 रन बनाकर क्रीज पर थे। कार्यवाहक कप्तान राशिद ने आखिरी ओवर के लिए गेंद यश दयाल को थमाई। पहली गेंद पर उमेश ने सिंगल लिया और रिंकू को स्ट्राइक दे दी। रिंकू ने फिर से लगातार 5 छक्के लगाकर कोलकाता को जीत दिला दी। उन्होंने 21 गेंदों पर नाबाद 48 रन बनाए। जीत मिलते ही टीम के साथी, कोच, सपोर्ट स्टाफ… सभी रिंकू को गले लगाने के लिए दौड़ पड़े।
आर्थिक तंगी में झाड़ू तक लगाए रिंकू : रिंकू सिंह 5 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं, रिंकू कभी-कभी झाडू भी लगाता था। पैसों की तंगी का सामना करने के बावजूद उन्होंने क्रिकेटर बनने का सपना नहीं छोड़ा। अब उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के लिए मैच जिताऊ प्रदर्शन किया है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्मी रिंकू 5 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर है।
पिता करते हैं सिलेंडर-डिलीवरी का काम : 12 अक्टूबर 1997 को जन्में रिंकू सिंह का क्रिकेटर बनने का सफर आसान नहीं था। रिंकू के पिता गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। रिंकू का क्रिकेटर बनने का सपना टूटने लगा था। उन पर कमाने की जिम्मेदारी थी ताकि घर की आर्थिक स्थिति बनी रहे।
पढ़ाई लिखाई नहीं कर पाए रिंकू : रिंकू ने तब हताश होकर नौकरी करने और पैसा कमाने का फैसला किया। वह ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है और इस वजह से उसे झाडू लगाने का काम मिल रहा था। रिंकू ने इसके बाद पूरी तरह से क्रिकेट पर फोकस करने का मन बना लिया। दिल्ली में खेले गए एक टूर्नामेंट में उन्हें मैन ऑफ द सीरीज होने के इनाम के तौर पर एक बाइक मिली थी, जिसे उन्होंने अपने पिता को सौंप दिया था। और अब रिंकू सिंह क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं।