6 महीने में जन्म, 400 ग्राम वजन, पांच बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन, ऐसे बची नन्हीं जान

बेगूसराय में महज 400 ग्राम वजन की एक बच्ची ने जन्म लिया है जो अब सुर्खियों में बनी हुई है. सिर्फ 8 महीने की इस बच्ची का जन्म समय से ढाई महीने पहले ही डॉक्टरों ने करा दिया.
ढाई महीने की इलाज के बाद बच्ची को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है. बच्ची के स्वस्थ्य होने की वजह से परिजनों में जहां खुशी का माहौल है वहीं डॉक्टर भी संतुष्ट हैं कि बच्ची को इतने कम वजन के बाद भी बचा लिया गया.
दरअसल जमालपुर (मुंगेर) के रहने वाले सुनील कुमार सिंह की पत्नी राखी कुमारी शादी के 12 साल बाद भी मां नहीं बन पाई थी लेकिन जब गर्भवती हुई तो काफी खुश थी. हालांकि 6 महीने में ही उसने बच्ची को नॉर्मल तरीके से जन्म दिया और उस वक्त बच्ची का वजन सिर्फ 400 ग्राम था.
बच्ची के जन्म के बाद उसके इतने कम वजन को देखते हुए परिजनों में एक बार फिर मायूसी छा गई लेकिन परिजनों ने शहर के डॉक्टर अभय कुमार के अस्पताल में बच्ची को भर्ती कराया जहां अब वो स्वस्थ होकर अपने घर लौटी है.
डॉ अभय कुमार ने बताया कि 26 नवंबर 2022 को 400 ग्राम की बच्ची को इलाज के लिए लाया गया था जो काफी मुश्किल भरा था. नॉर्मल और 9 महीने के बाद बच्चे का जन्म होने पर वजन ढाई किलो रहता है जबकि इस महिला ने 6 महीने में ही 400 ग्राम की बच्ची को जन्म दिया था.
समय से पहले बच्ची के जन्म के बाद उसका वजन काफी कम था और उसके शरीर में अधिकतर अंगों का विकास भी नहीं हुआ था. इसी वजह से उसका केयर करना काफी मुश्किल था लेकिन अब डॉक्टरों की मेहनत के बाद बच्ची पूरी तरह स्वस्थ्य है.
इलाज के दौरान बच्ची को पांच बार ब्लड चढ़ाना पड़ा और आंखों का भी इलाज करना पड़ा. अब बच्ची पूरी तरह से ठीक है तो उसके परिजन काफी खुश हैं.
बच्ची की मां राखी कुमारी ने कहा कि 12 साल के बाद मां बनी थी और बच्ची का वजन कम होने के बाद डर था, लेकिन डॉक्टर ने इलाज कर उसे स्वस्थ्य कर दिया है जिससे उन्हें काफी खुशी है.
वहीं बच्ची का इलाज करने वाले डॉक्टर अभय कुमार ने कहा कि बीते नवंबर महीने में बच्ची की नॉर्मल डिलीवरी हुई थी. सिर्फ 6 महीने के गर्भावस्था में बच्ची का जन्म हो गया था.
उन्होंने कहा, जन्म के समय बच्ची का वजन 400 ग्राम था और उसे जीवीत रखना काफी चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने कहा- कई बार न्यूरोटेक्नोलॉजी वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ी और पांच बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन करना पड़ा. काफी इलाज के बाद अब बच्ची स्वस्थ है और मां के पास है.